जसवंतनगर/इटावा: गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन, नहर में रोक पर भक्तों ने जताई नाराजगी।

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मनोज कुमार, 7409103606

गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन, नहर में रोक पर भक्तों ने जताई नाराजगी

जसवंतनगर:गणेश चतुर्थी के बाद गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला शुक्रवार को चरम पर रहा। सिरहौल गांव के पास भोगनीपुर गंग नहर पुल के निकट प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए गहरे गड्ढे में पानी भरकर मूर्तियों का विसर्जन कराया गया। अनुमान लगाया गया है कि यहां आज एक सैकड़ा से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन यहां किया गया।

भक्तों ने पारंपरिक रूप से नहर के बहते पानी में प्रतिमा विसर्जन की अनुमति मांगी, लेकिन सुरक्षा कारणों से पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी। थाना प्रभारी संजय सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रहा। भक्तों की नाराजगी के बावजूद मूर्तियां गड्ढे में ही विसर्जित की गईं।

प्रशासन का कहना है कि नहर में विसर्जन से हादसे की आशंका रहती है और स्वच्छता पर भी असर पड़ता है। वहीं, श्रद्धालुओं ने दुखी मन से गड्ढे में प्रतिमाओं का विसर्जन कर परंपरा निभाई।

गौरतलब है कि गणेश चतुर्थी पर स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन विशेष महत्व रखता है। इस दौरान भक्त गणपति बप्पा की आरती करते हुए मंत्रोच्चार के साथ विदाई देते हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि विसर्जन के समय “जय गणेश, जय गणेश” का पाठ करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।


प्रशासन ने अपील की है कि सभी लोग निर्धारित स्थानों पर ही मूर्तियों का विसर्जन करें, ताकि स्वच्छता और सुरक्षा बनी रहे।

हमारी टीम ज़ब विसर्जन स्थान पर पहुँची तो पाया, वहाँ पर गणेश शोभा यात्रा निकालने बाले लोग जो हर वर्ष अपना स्टाल लगाते थे वे कहीं दूर दूर तक नजर नहीं आये. जसवंतनगर में कई धार्मिक समितियाँ है किसी ने भी वहाँ पानी तक की व्यवस्था करना उचित नहीं समझा.

यधपि ये क्षेत्र नगरपालिका में नहीं आता है. पर नगर के लोग वहाँ पर अपने आराध्य का विसर्जन करने तो जाते ही है. मानवता के नाते ही सही इन्होने भी इस विसर्जन बाली जगह पर स्टॉल लगाना तो दूर किसी ने भी जाना भी उचित नहीं समझा 

भला हो ग्राम प्रधान प्रदीप बघेल का जो कई वर्षो से जितना बन पड़ता है उतना हर वर्ष तन मन धन से सहयोग करते है.

सफाई व्यवस्था बिल्कुल चरमराई हुई नजर आई. यहाँ तक कि जिस तालाब में मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा था. वह पोलीथिन से पटा पड़ा हुआ है.

पुलिस व्यवस्था की डोर थाना प्रभारी संजय सिंह मुस्तेदी से संभाले हुये थे. इसलिए कोई भी अप्रिय घटना घटित नहीं हुई