लखनऊ: 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : छठा दिन
लखनऊ डेस्क प्रदीप शुक्ला
22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : छठा दिनआपरेशन सिंदूर के पहलू और टैगोर–आशुतोष की कहानियाँ
‘आंखों में समंदर’, ‘पानी पे आग बोते हुए’, ‘मौन जब मुखरित हुआ’ और करुणा पाण्डेय की पुस्तकों का विमोचन
लखनऊ, 8 सितम्बर : बलरामपुर गार्डन, अशोक मार्ग में चल रहे 22वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का छठा दिन युवाओं की ऊर्जा, साहित्यिक विमर्श और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के नाम रहा। मेले में हर पुस्तक पर न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट और निःशुल्क प्रवेश के साथ पाठकों के लिए आकर्षण लगातार बना हुआ है।
आपरेशन सिंदूर और समकालीन साहित्यसामायिक प्रकाशन के स्टॉल पर करुणा शंकर उपाध्याय ने अपनी पुस्तक ‘आपरेशन सिंदूर: अनजाने संदर्भ’ की समीक्षा करते हुए स्पष्ट किया कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस स्टॉल पर मृदुला सिन्हा, चित्रा मुद्गल, नमिता सिंह और मीनाक्षी नटराजन की कृतियाँ भी पाठकों को आकर्षित कर रही हैं।
भागलपुर के दिनकर पुस्तकालय वाले राज वर्मा की ‘स्वतंत्रता का काकोरी अध्याय’, यशवंत व्यास की ‘बेगम पुल से दरियागंज’, जया किशोरी की ‘जो है ठीक है...’ तथा विवेक–अमित की ‘ज्योतिर्लिंग’ को पाठकों ने विशेष पसंद किया। वहीं अनबाउण्ड स्क्रिप्ट के स्टॉल पर ग़ालिब, दाग़, इक़बाल, ज़फ़र और मोमिन से लेकर नीरज, मंजर भोपाली और राहत इंदौरी तक का समृद्ध काव्य-साहित्य उपलब्ध है।# युवा रंगमंच और सांस्कृतिक गतिविधियाँ
श्रीरामस्वरूप विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने ‘विजन–2047’ विषय पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर दर्शकों को भविष्य की संभावनाओं पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। विश्वम महोत्सव के अंतर्गत शगुन, स्नेहा, चांदनी, वर्तिका, लक्ष्मी, नैना, कीर्ति, श्रद्धा, पायल, किशन, आकाश, काजल और रोली सहित अनेक युवाओं ने प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
इसी बीच शशि यादव ने हाथ की लेखनी—हिन्दी कैलिग्राफी—को जीवंत कर दर्शकों के लिए पोस्टर, कार्ड और बुकमार्क तैयार किए, जिन्हें पुस्तक-प्रेमियों ने विशेष सराहा। कथा वाचन और विमोचनशाम को कथा रंग की ओर से रवीन्द्रनाथ टैगोर की ‘पिंजर’ तथा आशुतोष शुक्ल की ‘ठेस’ का सस्वर वाचन हुआ। टैगोर की कहानी ने मृत्यु, प्रेम और पुनर्जन्म के दार्शनिक आयाम खोले, तो शुक्ल की रचना ने स्त्री अस्मिता और स्वाभिमान का मार्मिक चित्र खींचा।
सुबह भारतीय लघुकथा सृजन संस्थान की पुस्तक चर्चा और साहित्य वीथिका की काव्य गोष्ठी आयोजित हुई। दोपहर में डॉ. करुणा पाण्डेय की पुस्तकें ‘हाई टेक’ और ‘जनजाति का गाँव—लोकगीतों की छाँव’ का विमोचन हुआ। इस अवसर पर प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित, पद्मश्री विद्या बिंदु सिंह, अशोक चौधरी, महेंद्र भीष्म, डॉ. हरिशंकर मिश्रा, डॉ. अलका प्रमोद और वी.बी. पाण्डेय ने विचार रखे।इरा पत्रिका के समारोह में ‘आंखों में समंदर’, ‘पानी पे आग बोते हुए’, ‘टूटती जंजीरें’ और ‘मौन जब मुखरित हुआ’ जैसी कृतियों का विमोचन किया गया।
संध्या की काव्यगोष्ठी में दीन बंधु, वंदना शर्मा, पवन श्रीवास्तव, मो. सिद्दीकी, नीरजा नीरू, अनुश्री, फुरकान, मनोज और अजय आदि कवियों ने अपने अशआरों और कविताओं से साहित्यिक वातावरण को ऊँचाई दी।10 सितम्बर का कार्यक्रम
प्रातः 11:00 बजे — गोष्ठी : अविरल सेवा संस्थान
अपराह्न 12:30 बजे — ज्वाइन हैंड्स फाउण्डेशन एवं होली ट्रिनिटी पब्लिकेशन के बच्चों का कार्यक्रम
अपराह्न 2:00 बजे — साहित्य चर्चा : अखिल भारतीय साहित्य परिषद महानगर
अपराह्न 3:30 बजे — युवाओं का कार्यक्रम
सायं 4:30 बजे — पुस्तक विमोचन : अमिताभ कुमार
सायं 7:00 बजे — काव्य गोष्ठी : अविरल सेवा संस्थान
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