लखनऊ: राष्ट्रीय पुस्तक मेला-2025 : साहित्य जगत के लिए लखनऊ में महाकुंभ का आगाज़।

 लखनऊ डेस्क प्रदीप शुक्ला 

राष्ट्रीय पुस्तक मेला-2025 : साहित्य जगत के लिए लखनऊ में महाकुंभ का आगाज़

लखनऊ : साहित्य और ज्ञान की विराट परंपरा से ओतप्रोत नवाबी नगरी लखनऊ एक बार फिर से पुस्तक प्रेमियों का स्वागत करने को तैयार है। राष्ट्रीय पुस्तक मेला, लखनऊ अपनी गौरवशाली यात्रा के 22वें वर्ष (2003-2025) का उत्सव मना रहा है। इसी क्रम में आगामी 2 सितंबर 2025, मंगलवार को दोपहर 2:30 बजे इसकी प्रेस कॉन्फ़्रेंस आयोजित की जा रही है।

यह आयोजन ऐतिहासिक बलरामपुर गार्डन, अशोक मार्ग, दूरदर्शन केन्द्र के सामने, लखनऊ में संपन्न होगा। इस अवसर पर मेले के मुख्य आकर्षण, विशेष संगोष्ठियों, साहित्यिक विमर्शों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी साझा की जाएगी।

मेले के संयोजक मनोज सिंह चंदेल तथा सह-आयोजक आकर्षण जैन और आस्था धल्ल जैन के साथ-साथ डायरेक्टर आकर्ष चंदेल ने बताया कि इस बार मेला सिर्फ़ पुस्तकों का बाजार नहीं होगा, बल्कि साहित्यिक चेतना और रचनात्मक ऊर्जा का विराट मंच सिद्ध होगा।

इस राष्ट्रीय पुस्तक मेले को अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं का सहयोग प्राप्त है। फॉरसीन बुक्स तथा के.टी. फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित इस मेले के मोबिलिटी पार्टनर लखनऊ मेट्रो, रेडियो पार्टनर रेडियो सिटी, आउटडोर पार्टनर ऑरिजिंस, तथा इमेजिन पार्टनर विजय स्टूडियो हैं। इसके अतिरिक्त विश्‍वाम फाउंडेशन, समाग्रा एंटरप्राइज़ेस, किरण फाउंडेशन तथा अन्य अनेक संस्थाएँ भी अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। सिटी एसेंस और ट्रेड मित्र इसके मीडिया और पत्रिका सहयोगी हैं।

लखनऊ का यह पुस्तक मेला न केवल देशभर के प्रकाशकों और लेखकों को एक साझा मंच प्रदान करता है, बल्कि नई पीढ़ी के पाठकों को भी साहित्य के साथ आत्मीय जुड़ाव का अवसर देता है। इस बार मेला समकालीन विमर्शों, विविध भाषाई संस्कृति और आधुनिक लेखन की धारा को नई ऊर्जा देगा।

निस्संदेह, राष्ट्रीय पुस्तक मेला-2025 लखनऊ को एक बार फिर साहित्यिक राजधानी के रूप में स्थापित करेगा और यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान, संवाद और सृजन का अमिट स्मरण बनकर रहेगा।