मैनपुरी: मैनपुरी में बदमाश जीतू ठाकुर एनकाउंटर में मार गिराया गया।
संवाददाता: एम.एस वर्मा,चीफ एडिटर, 6397329270
मैनपुरी में एक लाख रुपए के इनामी बदमाश जीतू ठाकुर पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो गया। SP गणेश प्रसाद साहा ने बताया- पुलिस को बदमाश के मूवमेंट की सूचना मिली थी। मंगलवार तड़के 3 बजे पुलिस और आगरा STF टीम को तारापुर कट पुलिया के पास जीतू बाइक से जाते हुए दिखाई दिया।
पुलिस ने पीछा कर उसे घेर लिया। इस पर जीतू ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसे लग गई। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
राशन डीलर योगेश उपाध्याय फ़ाइल फोटोजीतू हाथरस में राशन डीलर की हत्या के मामले में एक साल से फरार था। उस पर हत्या, लूट जैसी गंभीर धाराओं में 13 मुकदमे दर्ज थे। एनकाउंटर स्पॉट से पुलिस ने 32 बोर की अवैध पिस्टल, कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की है।
कैसे किया जीतू का एनकाउंटर
थाना एलाऊ SHO अवनीश त्यागी ने बताया- एसटीएफ की टीम बदमाश जीतू को लगातार ट्रेस कर रही थी। इस दौरान पता चला कि बदमाश भोगांव मार्ग पर आ रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस गांव तारापुर के पास घेराबंदी करने के लिए पहुंच गई।"पुलिस ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी। सुबह लगभग 3 बजे जीतू बाइक पर आता हुआ दिखाई दिया, जिसे पुलिस ने रुकने का इशारा किया। वह बाइक रोकते ही पुलिस के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगा। इस दौरान घेराबंदी करते हुए एसटीएफ की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी थी। टीम ने जवाबी फायरिंग की। इसमें बदमाश को गोली लग गई।
Crimediaries9 The real crime stories on YouTube
ठाकुर हाथरस का रहने वाला था
जीतू ठाकुर हाथरस के जंक्शन कोतवाली क्षेत्र के गांव पहाड़पुर का रहने वाला था। जीतू का एक भाई दिल्ली में रहता है। पत्नी लंबे समय से हाथरस में नहीं रह रही है। जीतू राशन डीलर योगेश उपाध्याय हत्याकांड के बाद चर्चा में आया था।
राशन डीलर की भाभी विनीता के चुनाव जीतने के बाद दूसरे पक्ष के सोनू पुत्र महेश से उनकी चुनावी रंजिश शुरू हो गई थी। पिछले साल 13 जून को राशन डीलर योगेश की हत्या कर दी गई थी। उनका शव हाथरस जंक्शन में धौरपुर ओवरब्रिज के नीचे लहूलुहान हालत में मिला था। इस हत्या में जितेंद्र उर्फ जीतू भी शामिल था।
पुलिस ने सोनू सहित दो आरोपियों को तीसरे दिन ही मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन जीतू फरार हो गया था। पहले पुलिस ने जीतू पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया था। आठ महीने पहले पुलिस ने उसके घर की कुर्की भी कराई थी।