दिल्ली लाल किला धमाका: आठ मौतें और चार अनसुलझे सवाल
लखनऊ डेस्क प्रदीप शुक्ला
दिल्ली लाल किला धमाका: आठ मौतें और चार अनसुलझे सवाल
सोमवार शाम को पुरानी दिल्ली स्थित लाल क़िला मेट्रो स्टेशन के पास सुभाष मार्ग ट्रैफ़िक सिग्नल पर एक आई-20 हुंडई कार में हुए भीषण धमाके ने देश की राजधानी को दहला दिया है। इस दुखद घटना में अब तक आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। मंगलवार सुबह से ही केंद्रीय और दिल्ली पुलिस की जांच टीमें, फोरेंसिक अधिकारी, एनआईए और एनएसजी के विशेषज्ञ घटनास्थल पर मौजूद हैं और युद्धस्तर पर जाँच जारी है।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी घटनास्थल का दौरा किया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में यूएपीए (UAPA), एक्सप्लोसिव एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि घटनास्थल से सैंपल इकट्ठे कर जाँच के लिए लैब भेजे जा रहे हैं।
जाँच के इस शुरुआती चरण में, चार महत्वपूर्ण सवाल हैं जिनके जवाबों पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं:
1. क्या यह आतंकवादी हमला था?
शुरुआती भ्रम के विपरीत, मंगलवार सुबह दिल्ली पुलिस नॉर्थ के डीसीपी राजा बंथिया ने मीडिया को बताया कि यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम) और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन गंभीर धाराओं का इस्तेमाल साफ तौर पर इस ओर इशारा करता है कि पुलिस और जाँच एजेंसियाँ इस घटना को दुर्घटना नहीं, बल्कि आतंकवादी गतिविधि या पूर्व नियोजित विस्फोटक हमला मानकर जाँच कर रही हैं। हालाँकि, पुलिस प्रशासन ने अब तक सीधे तौर पर 'आतंकवादी हमला' शब्द का प्रयोग नहीं किया है। FSL के अधिकारी मोहम्मद वाहिद ने भी कहा है कि अंतिम निष्कर्ष सैंपल परीक्षण के बाद ही निकलेगा।
2. विस्फोट कैसे हुआ?
विस्फोट की प्रकृति और कारण अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने बताया है कि आस-पास की गाड़ियाँ भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। मुख्य रूप से तीन संभावनाओं पर जाँच केंद्रित है:
विस्फोटक सामग्री: क्या कार में पहले से कोई बम या उच्च शक्ति की विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी, जिसके फटने से यह हादसा हुआ?
ईंधन टैंक: क्या कार के फ़्यूल टैंक (पेट्रोल/डीजल) या सीएनजी टैंक में तकनीकी खराबी या बाहरी प्रभाव के कारण धमाका हुआ?
पूर्व जानकारी: क्या कार में सवार लोगों को इस विस्फोटक सामग्री या संभावित खतरे के बारे में पहले से जानकारी थी?
केवल FSL और विशेषज्ञ टीमों के आकलन के बाद ही पता चल पाएगा कि धमाके का स्रोत क्या था।
3. कार का मालिक कौन था?
धमाके का केंद्र रही आई-20 हुंडई गाड़ी की पहचान और उसके मालिकों को लेकर अभी भी स्पष्टता का अभाव है। गृह मंत्री अमित शाह ने कार की पहचान तो बताई, लेकिन इसके मालिक, उद्देश्य और सवार लोगों के बारे में सटीक जानकारी नहीं दी गई है।
जाँच टीमें इन सवालों के जवाब तलाश रही हैं:
मालिक की पहचान: कार का असली मालिक कौन था और क्या वह धमाके में हताहत हुआ है?
कार की यात्रा: कार कहाँ से आ रही थी और इसका अंतिम गंतव्य क्या था?
गतिविधि का पैटर्न: मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह कार धमाके से पहले घंटों तक उसी इलाके के आसपास खड़ी थी। जाँच अधिकारी कार के मूवमेंट्स को खंगाल रहे हैं कि क्या यह कोई रेकी थी या किसी विशिष्ट लक्ष्य का इंतज़ार?
4. टारगेट कौन था?
धमाके की जगह और समय को देखते हुए, यह सबसे बड़ा सवाल है कि क्या यह घटना दुर्घटनावश हुई या इसे जानबूझकर वहीं अंजाम दिया गया।
आम नागरिक या विशिष्ट व्यक्ति?: अगर यह जानबूझकर किया गया धमाका था, तो टारगेट कौन था? क्या हमलावर आम नागरिकों की भीड़ को निशाना बनाना चाहते थे?
स्थानीय या बाहरी लिंक?: क्या घटना के तार केवल स्थानीय स्तर पर जुड़े थे, या इसका कोई राज्य या देश से बाहर का लिंक (जैसा कि मीडिया में पुलवामा कनेक्शन की खबरें चल रही हैं) है?
इन सभी अनसुलझे पहलुओं पर जाँच चल रही है, और जल्द ही फोरेंसिक और खुफिया जानकारियों के आधार पर स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।
