एम सी बी छत्तीसगढ़: चिरमिरी वासियों को पट्टा दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा: डोमरू रेड्डी

संवाददाता: विनोद पांडेय :

 एम सी बी छत्तीसगढ़ 

चिरमिरी वासियों को पट्टा दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा - डोमरू रेड्डी

 अपने महापौर कार्यकाल से लेकर अब तक प्रत्येक कलेक्टर से मुलाकात कर, करते आ रहे हैं मांग।

 कलेक्टर से जन दर्शन में मुलाकात कर, अपने क्षेत्र के लोगों को पट्टा दिलाने की रुकी कार्यवाही को आगे बढ़ाने पूर्व महापौर अब भी निरन्तर प्रयासरत।

 चिरमिरी एसईसीएल के अपने लीज की 2.94 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर वापसी के लिए कलेक्टर कार्यालय के पास भेजा प्रस्ताव अब तक लम्बित।

चिरमिरी - मास्टरप्लान के न होने के कारण, एक बसे बसाए शहर का प्रशासनिक दिलचस्पी के अभाव में उजड़ने का दंश झेल रहा शहर अब अपने अस्तित्व को बचाये रखने के जद्दोजहद में उलझता चला जा रहा है. यही हाल देश के प्रत्येक कोयला शहरों का है. ऐसे में चिरमिरी जैसे मझौले शहर के एक नेता के. डोमरू रेड्डी ने अपने महापौर कार्यकाल में एक हिम्मत दिखाई कि किसी तरह नियमों में जगह ढूँढकर अपने शहर के लोगों के आशियाने का स्थाई प्रमाण दिलाने की लड़ाई जाये और इसके लिए मुख्यमंत्री स्तर पर सरकार से सकारात्मक पहल किया. अपने दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम और सरकार से सामंजस्य स्थापित कर योजनाबध्द कार्ययोजना बनाकर अपने महापौर कार्यकाल में कोयला क्षेत्रों के उत्पादित जमीनों पर बसे अपने नागरिकों का राजस्व सर्वे कराकर न केवल राजस्व रिकार्ड बनवाने में सफलता पाई बल्कि शासकीय योजनाओं से जोड़कर कभी भी न हो पाने जैसा दिखने वाले सपना पट्टा दिलाकर प्रधानमंत्री आवास दिलाने तक के सफर को सफल कर, लोगों के सपनों को साकार करने का काम किया है. किन्तु अब कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद इस अभियान में आए ग्रहण के बाद भी हिम्मत न हारते हुए श्री रेड्डी अपने शहर को बचाने की अपनी अभिनव पहल को आज भी जारी रखा है. अब तक के सभी कलेक्टरों से समय - समय पर मुलाकात कर इस सम्बंध में अपना पक्ष रखते आये हैं.

इस सम्बंध में ध्यान देने लायक विषय यह है कि एसईसीएल कोयालंचल शहर चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र के निवासियों को उनके वर्षो पुराने घरों एवं दुकानों का मालिकाना हक दिलाने के लिए निरन्तर प्रयासरत रहने वाले नेता पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने एमसीबी जिले के बतौर कलेक्टर प्रतिनिधि जनदर्शन ले रहे अपर कलेक्टर श्री अनिल सिदार से मुलाकात कर, कलेक्टर डी. वेंकट राहुल के नाम एक बार फिर पत्र देकर, अपने शहर के स्थायित्व के लिए एक लम्बे एवं योजनाबद्ध योजना के तहत अपने कार्यक्रम को आज भी जारी रखा है। इस क्रम में उन्होने राज्य शासन को एसईसीएल के कोयला निकाल चुके अनुपयोगी जमीनों को चिन्हित कर, शासन को वापिस कराने के सम्बंध में सहमत कराते हुए, निर्देश जारी करवाया है। अपने महापौर कार्यकाल के दौरान उन्होंने तत्कालीन रमन सरकार से सरगुजा विकास प्राधिकरण में इस विषय पर, अपने शहर की ओर से अपना पक्ष रखते हुए, पट्टा दिलाने की मांग रखी थी, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर, अग्रिम कार्यवाही हेतु संभाग आयुक्त की अध्यक्षता में समिति बनाकर, उचित कार्यवाही का निर्देश दिया था। जिसे बाद में भूपेश सरकार ने भी आगे बढ़ते हुए जन - सरोकार वाले इस निर्णय को मूर्तरूप देने के आवश्यक निर्देश दिए हैं। किन्तु कतिपय स्थानीय नेताओं एवं समय के साथ बार - बार बदल रहे अधिकारियों के सुस्त रवैय्ये एवं रुचि न लेने के कारण यह मामला कागजों में ही सिमट के रहा गया था। जिस पर अब फिर से पूर्व महापौर ने मोर्चा संभालते हुए प्रशासन से बातचीत कर, अपने जनता को उनका हक दिलाने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का निर्णय लिया है।

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इस सम्बंध में चिरमिरी के पूर्व महापौर एवं जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष के. डोमरु रेड्डी ने मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले अपर कलेक्टर श्री सिदार से इस सप्ताह के जनदर्शन में एक बार पुनः मुलाकात कर उन्हें सालों से चलाए इस अभियान के सम्बंध में दस्तावेजी प्रमाण सौम्पकर, याद दिलाया कि सरगुजा क्षेत्र एवं आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक दिनांक 03 जून 2019 के कार्यवाही विवरण पर कियान्वयन करते हुए, आयुक्त सरगुजा सम्भाग को उनके पत्रों पर पालन प्रतिवेदन भेजे जाने हेतु अनुरोध के साथ कहा है कि सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकारी की बैठक दिनांक 03 जून 2019 को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा एसईसीएल के अधीन अनुपयोगी जमीनों को छत्तीसगढ़ शासन को वापस कराने हेतु पुनः निर्देशित किया गया है, जिसका कार्यवाही विवरण आयुक्त कार्यालय (प्राधिकरण प्रकोष्ठ) के पत्र क्रमांक- 1613/सविप्रा / 2019-20 अम्बिकापुर दि. - 19 जून 2019 के तहत कलेक्टर कोरिया को भेजा गया है। जिसका पालन प्रतिवेदन कलेक्टर कोरिया कार्यालय से आज दिनांक तक भेजा नहीं जा सका है। जबकि चिरमिरी एसईसीएल ने अपने लीज की 2.94 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर वापसी के लिए कलेक्टर कार्यालय को प्रस्ताव भेज चुका है, जो जिला स्तर पर लम्बित है।

इस सम्बंध में श्री रेड्डी ने कलेक्टर के नाम लिखे विस्तृत विवरण में स्मरण कराया है कि एस.ई.सी.एल के कोयला उत्खनन वाले हमारे चिरमिरी एवं चिरमिरी जैसे दूसरे क्षेत्रों में 70 - 80 वर्षों से यहाँ निवास कर अपना जीवन यापन कर रह रहे निवासियों के आशियानों को आवासीय पट्टा दिलाने के लिए 2015 से इस सम्बंध में मेरे द्वारा महापौर चिरमिरी एवं प्राधिकरण के विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में किए गए विभिन्न प्रयासों के फलस्वरूप सरगुजा उत्तर क्षेत्र एवं आदिवासी विकास प्राधिकरण में इस महत्वपूर्ण विषय पर कार्यवाही जारी है, किन्तु मेरे पद से हटते ही यह गति धीमी पड़ गई है। उन्होंने अपर कलेक्टर के माध्यम से कलेक्टर को जानकारी देते हुए बताया कि जिले में पदस्थ अलग - अलग कलेक्टरों से समय - समय पर अनुरोध एवं पत्राचार कर, इस कार्यवाही को आगे बढ़ाने को लेकर, निरन्तर पहल किया है। किन्तु बार - बार हो रहे स्थानांतरण के कारण भी इसमें कार्यवाही बढ़ नहीं पा रही है। ज्ञातव्य है कि महापौर रेड्डी के मांग के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर, चिरमिरी में सम्भाग आयुक्त की अध्यक्षता में 09 अगस्त 2017 को चिरमिरी तानसेन भवन में एसईसीएल सीएमडी, मंत्री, विधायक सहित एसईसीएल एवं जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की उपस्थिति में एक उच्च स्तरीय बैठक का भी आयोजन हुआ था। 

उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि इस सम्बंध में तात्कालीन मुख्यमंत्री महो० के निर्देश पर आयुक्त सरगुजा सम्भाग का पत्र क. - 3308/ एसईसीएल/स.उ.क्षे.आ.वि.प्रा./2017 अम्बिकापुर दि.- 04.10.2017 एवं कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला कोरिया के पत्र कं.- 8303 / खनिज एसईसीएल स.उ.से.आ. वि.प्रा./2017 कोरिया, बैकुण्ठपुर दि० 04.10.2019 के संलग्न पत्रों से भी स्पष्ट है कि इस सम्बंध में चिरमिरी एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कोरिया कलेक्टर की अध्यक्षता में 08 अधिकारियों का एक जिला स्तरीय समिति का गठन करते हुए रिपोर्ट तैयार कर शासन और एसईसीएल प्रबंधन को अग्रिम कार्यवाही हेतु पत्र लिखा है, जिसकी प्रगति मानीटरिंग के अभाव में ठप्प है। जिसे आगे बढ़ाया जाना लोकहित में है। किन्तु शासन स्तर पर निर्णय हो जाने के बाद, जिला कार्यालय में सार्थक पहल के अभाव में यूँ मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना समझ से परे है। पूर्व महापौर ने एमसीबी कलेक्टर श्री राहुल वेंकट को दस्तावेजों के साथ आग्रहपूर्वक मांग किया है कि इस सम्बंध में विशेष टास्क फोर्स बनाकर, रुके हुए कार्यवाही को आगे बढ़ाएं, क्योंकि ये राजनीति का मुद्दा नहीं बल्कि चिरमिरी एवं चिरमिरी जैसे दूसरे शहरों के अस्तित्व और पलायन का एक गम्भीर मुद्दा है, जिसे समय रहते हल निकाला जाना आवश्यक है।