जसवंतनगर/इटावा: "एक क़दम गांधी के साथ" पदयात्रा को जनपद में मिला अभूतपूर्व सहयोग।

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मनोज कुमार, 7409103606

"एक क़दम गांधी के साथ" पदयात्रा को जनपद में मिला अभूतपूर्व सहयोग। 

कांग्रेस जनों ने दिल खोलकर किया स्वागत सत्कार।

इटावा- आज एक बार फ़िर गांधी के देश में गांधी के बताए हुए रास्ते पर चलने की महती आवश्यकता है।


इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु 'सर्व सेवा संघ' द्वारा संविधान, लोकतंत्र और विरासत के लिए "एक क़दम गांधी के साथ" पदयात्रा "कारवाँ प्यार का"का लक्ष्य रखा गया। यह एक ऐसी पदयात्रा है जो एक बार पुनः गांधी की दांडी यात्रा का आभास कराती है। 
राजघाट वाराणसी से राजघाट दिल्ली तक 2 अक्टूबर से 26 नवम्बर 2025 तक अनवरत रूप से चलने वाली इस यात्रा में सम्मिलित पदयात्री इन 57 दिनों में लगभग 1000 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करेंगे। देश में बढ़ते भ्रष्टाचार, अत्याचार, व्यभिचार, धार्मिक उन्माद,संविधान के प्रति जागरूकता एवं आदर,बिगड़ते भाईचारे और सौहार्द को पुनः स्थापित करके लोगों के दिलों में एक दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव उत्पन्न करने के लिए प्रयासरत यह पदयात्रा अपने आप में एक ऐतिहासिक पदयात्रा है।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़,महाराष्ट्र, कर्नाटक बिहार,आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान तमिलनाडु सहित 22 राज्यों के लोग इस यात्रा में पदयात्री बनकर एक दूसरे के सहगामी बने हुए हैं।

आज गुरु नानक जयंती पर सभी पदयात्रियों ने गुरुद्वारा जाकर अपना मत्था टेका और सर्वधर्म प्रार्थना की। प्रसाद वितरण के बाद वहां से निकल कर नुमाइश परिसर में स्थित शहीद स्मारक एवं गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसी के साथ ही बुद्ध विहार जाकर अंबेडकर जी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

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यात्रा संयोजक राम धीरज, अरविंद अंजुम एवं नंदलाल जी की संयुक्त अगुवाई में 5/11/2025 को इस यात्रा ने जसवंतनगर में प्रवेश किया था। जिसका क्षेत्र के कांग्रेस जनों ने एवं जनपद के सभी धर्मों, वर्गों, राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों ने खुले मन से स्वागत किया। इसी क्रम में कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष आशुतोष दीक्षित ने यात्रा के रात्रि विश्राम एवं भोजन का समुचित प्रबंध बचपन ए प्ले में स्कूल के संचालक दिलीप दीक्षित ने किया.

आज ये यात्रा शहीद स्तम्भ हिन्दू विद्यालय जसवंतनगर और बिलिय्या मठ आदि स्थलों पर फूल मालायें चढ़ाएंगे.

आपको बताते चलें कि यह पदयात्रा पूरी तरह से गैर राजनैतिक पदयात्रा है। इसमें राजनीति का कोई भी समावेश नहीं है इस पदयात्रा में हर उस व्यक्ति का स्वागत है जो गांधीवादी है जो गांधी के विचारों का अनुसरण करता है।