इटावा/जसवंतनगर: विना हेलमेट पेट्रोल नहीं के दुष्परिणाम।
चीफ एडिटर: एम.एस वर्मा, 6397329270
मनोज कुमार, 7409103606
विना हेलमेट पेट्रोल नहीं मिलेगा.सरकार का आदेश बना फ़साद की जड़.
जिस दिन से सरकार ने दुपहिया बाहनों के लिये ये ना फरमानगी का आदेश जारी किया है उसका असर अब धीरे धीरे होना शुरू हो गया है.
ऐसा कोई दिन बाकी नहीं जा रहा है जिस दिन कहीं न कहीं हेलमेट को लेकर झगड़ा फ़साद हो ना रहा हो.
सरकार में जो लोग बैठे है बो लोग हकीकत की दुनियाँ से अपरचित होते है. बो नहीं जानते है भारत देश कितना बड़ा है उनके आदेश जनता तक पहुँच रहे है या नहीं पहुँच रहे है. उन्होंने तो बस एक आदेश पारित कर दिया.ये आदेश पम्प स्वामियों के लिये गले की हड्डी बन गया है.जिस किसी को इस आदेश के बारे में पता नहीं होता है और वह पेट्रोल पम्प पर बिना हेलमेट के आता है तो आदेशानुसार पम्प कर्मी पेट्रोल डालने से मना करता है तो ये बात उस ग्राहक को इतनी बुरी लगती है या वह अपनी प्रतिष्ठा पर आघात समझता है तो बस पहले वह अभद्रता करता है. फिर गाली गलौज और उसके बाद मारपीट पर आमादा हो जाता है.
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पम्प कर्मी जो बेचारा अपना परिवार के भरण पोषण के लिये मजदूरी करने पम्प पर आया है झेलना तो उसको पड़ता है. सरकार रोजगार तो दे नहीं पा रहीं है जो लोग इधर उधर प्राइवेट सेक्टरों में काम तलाश लेते है उनके लिये ये बिन सिर पैर के सरकारी आदेश भारी पड़ रहे है.
परिवहन विभाग की जिम्मेदारी आपने पम्प स्वामियों के माथे मढ़ दी है.
अभी आदेश हुआ था विना हेलमेट के दुपहिया बाहन बेचे न जाएँ. अब पेट्रोल न बेचीं जाये
ये तो वही बात हुई
"दाग़ चेहरे पर था और हम दर्पण साफ करते रहे."
अब समस्या की मूल जड़
दुपहिया वाहन स्वामी हेलमेट नहीं लगाना पसंद करते है तो बाहन बिक्रेता डीलर उसे हेलमेट तो वेच सकता है पर उसको लगाना या हटाना ये काम तो वाहन स्वामी को करना है. यही बात पम्प स्वामियों के साथ भी है. इसलिए ये हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं ये ना करके डेली चालान ही सबसे अच्छा बिकल्प था और होगा. पर वहाँ पर धन उगाही होने लगती है.
ज़ब हमने पेट्रोल स्वामियों से इस संबंध में बात की तो वे बहुत ही उदास मन से बताते है इस आदेश से सरकार हमको लड़वा रही है. हम हमेशा ऑफिस में बैठे नहीं रह सकते है बहुत सारे अन्य काम है.
पता चलता है पम्प पर मारपीट हो रही है. तब हमने बिकल्प पूछा तो हमको उन्होंने बताया पत्रकार महोदय अब सरकार कुछ दिनों के लिये हर पेट्रोल पम्प पर एक पुलिस बाले की ड्यूटी लगाये जो लोग झगड़ा बगैरह करे उनका चालान करे.
नहीं तो इस वे सिर पैर के आदेश को तुरंत वापस ले. अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर आंदोलन ही एक रास्ता है.
अब हम आपको कुछ झगड़े की तस्वीरें दिखाते है जो विना हेलमेट के कारण बनी.