पितृ दोष निवारण का आसान उपाय
लखनऊ डेस्क प्रदीप शुक्ला
पितृ दोष निवारण का आसान उपायश्राद्ध पक्ष में चौदस अमावस्या को पूर्व ईशान में सायंकाल गोधूलि बेला में एक पाट लगाएं। उस पर सफेद वस्त्र बिछाएं।पाट पर गंगाजल मिश्रित जल का लौटा और एक लौटा पावभर दूध भर कर रखें। लौटे के पास एक शुद्ध घी का दीप जलाएं, लाल पुष्प पाट पर बिछा दीजिए और कोई भी एक सफेद मिठाई सवा सौ ग्राम मात्रा में साफ कटोरी में पाट पर रखें।परिवार के सभी सदस्य आंख बंद करके दीप ज्योति में पितरों की उपस्थिति देखते हुए पवित्र मन से पितृ प्रसन्नता और आशीर्वाद की प्रार्थना करें। दीपक में इतना घी अवश्य रखें कि दीपक मध्यरात्रि तक जलता रहे। सुबह ये पानी पीपल में डाले और मिठाई गाय को दे दें और दूध स्वानो को दोने में डालकर पिला दें। ऐसा विश्वास है कि आपके सारे दुःख कष्ट जो पितृ दोष के कारण है समाप्त हो जाएंगे।
मन्त्र- ॐ आगच्छन्तु पितृ देवः गृहन्तुम श्रद्धांजलिम। यह मंत्र आपकी विनती हो जाएगा; कीजिए और लाभ लीजिए। श्राद्ध के दिन पितृ गायत्री मंत्र का श्रद्धा से जाप किया जाना चाहिए।
पितृ गायत्री मंत्र-
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।
ओम् देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।