लखनऊ: पुस्तकों का महोत्सव बलरामपुर गार्डन में आज से प्रारम्भ होगा 22वाँ राष्ट्रीय पुस्तक मेला
लखनऊ डेस्क प्रदीप शुक्ला
पुस्तकों का महोत्सव : बलरामपुर गार्डन में आज से प्रारम्भ होगा 22वाँ राष्ट्रीय पुस्तक मेला
लखनऊ, 3 सितम्बर : शब्दों की महक और विचारों की ऊर्जा से रचा-बसा 22वाँ राष्ट्रीय पुस्तक मेला आज से राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक बलरामपुर गार्डन, अशोक मार्ग में प्रारम्भ हो रहा है। ग्यारह दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव मात्र एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि पुस्तकों के माध्यम से “विजन 2047 : विकसित भारत, विकसित प्रदेश” की ओर देखता हुआ एक सांस्कृतिक संगम है।
मेले का औपचारिक उद्घाटन 4 सितम्बर को सायं 5 बजे उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल करेंगी। उद्घाटन अवसर पर साहित्य, शिक्षा और संस्कृति से जुड़े विविध आयामों पर संवाद भी आयोजित होगा।
करीब सवा सौ स्टॉलों पर देश के पाँच दर्जन से अधिक प्रतिष्ठित प्रकाशक और वितरक अपनी बहुप्रतीक्षित कृतियाँ लेकर उपस्थित रहेंगे। इनमें राजकमल, लोकभारती, वाणी, भारतीय ज्ञानपीठ, प्रभात, सस्ता साहित्य मण्डल, प्रकाशन संस्थान, दिव्यांश और सेतु प्रकाशन जैसे नाम शामिल हैं।
मेले का मुख्य पाण्डाल साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहेगा, जहाँ प्रतिदिन कवि सम्मेलनों, परिचर्चाओं और पुस्तक लोकार्पणों का आयोजन होगा। समानांतर रूप से वाटरप्रूफ पाण्डाल में बाल एवं युवा गतिविधियाँ निरंतर चलेंगी, जिनमें साहित्यिक प्रतियोगिताएँ, कार्यशालाएँ और पुस्तक-चर्चाएँ विशेष आकर्षण होंगी।
हज़ारों पुस्तकों की विविध शृंखला में हिंदी, अंग्रेज़ी और अनेक भारतीय भाषाओं का साहित्य, शैक्षणिक और शोधपरक ग्रंथ, बाल साहित्य तथा दुर्लभ कृतियों का अनमोल संकलन सुधी पाठकों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध होगा।
लखनऊ की संस्कृति और साहित्य-प्रेम की विरासत से जुड़ा यह पुस्तक मेला पाठकों के लिए ज्ञान, विचार और संवाद का ऐसा अवसर है, जहाँ किताबें केवल खरीदी-बेची नहीं जातीं, बल्कि विचारों के बीज बोती हैं और भविष्य का सपना सँजोती हैं।