इटावा/सैफई: उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैंफई में प्रो० (डॉ.) अजय सिंह ने कुलपति का पदभार संभाला।
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उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैंफई में प्रो० (डॉ.) अजय सिंह ने कुलपति का पदभार संभाला
हम विश्वविद्यालय को नई उचाइयां प्रदान करने की दिशा में कार्य करेंगे - कुलपति
सैफई।उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैंफई में प्रो० (डॉ.) अजय सिंह ने मंगलवार पूर्वाह्न को विधिवत रूप से कुलपति का पदभार ग्रहण किया। उनका सर्वप्रथम स्वागत पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर डॉ पीके जैन ने पुष्प गुच्छ प्रदान कर किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति, वित्त अधिकारी, कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, समस्त संकायाध्यक्ष, चिकित्सा अधीक्षक समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहें।
मनानीय कुलपति प्रो० (डॉ.) अजय सिंह, जिन्हें चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान व प्रशासन में चार दशकों का अनुभव व बाल अस्थि रोग चिकित्सा के क्षेत्र में देश-विदेश के अग्रणी विशेषज्ञों में उनकी एक विशेष पहचान है।
उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगभग 64 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है जो उनकी अदम्य क्षमता व कुशल नेतृत्व को प्रदर्शित करता है।
इससे पूर्व वह चिकित्सा के क्षेत्र में कई अहम पदों पर आसीन रहे, यूपीयूएमएस कुलपति का पदभार ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने भोपाल एम्स, रायपुर एम्स के साथ-साथ गोरखपुर एम्स निदेशक का भी कार्यभार संभाला है।
Crimediaries9 The real crime stories on Youtube
Plzzz subcribe the channel for more videosकार्यभार ग्रहण करने के बाद माननीय कुलपति ने कहा कि हम विश्वविद्यालय को नई उचाइयां प्रदान करने के लिए सभी को साथ लेकर चलेंगे और बेहतर चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के की दिशा में तत्परता से कार्य करेंगे।
एक नजर प्रोफेसर डॉ अजय सिंह की उपलब्धियां पर-
प्रो० (डॉ.) अजय सिंह ने 1985 में एमबीबीएस तथा 1989 में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ से ऑर्थोपेडिक सर्जरी में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
वे 2004 में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के बाल अस्थि रोग विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए।
इसके उपरांत वे केजीएमयू में 2013 में प्रोफेसर बने और 2016 से बाल अस्थि रोग विभाग के विभागध्यक्ष के रूप में कार्यरत हुए।
मुख्य पीडियाट्रिक ओर्थोपेडिक सर्जन के रूप में 25 बेडेड बाल अस्थि रोग यूनिट का नेतृत्व किया जो भारत का पहला स्वतंत्र बाल अस्थि रोग विभाग बना।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एमसीआई, एमसीएच सुपर स्पेशलिटी कोर्स प्रारंभ कराने में उनकी प्रमुख भूमिका रही।
9 पुस्तकें, 250 वैज्ञानिक शोध पत्रों का प्रकाशन, 106 शोध परियोजनाओं में मार्गदर्शन की भूमिका, 318 शोध पत्र देश विदेश में प्रस्तुत किए तथा 228 वैज्ञानिक सम्मेलन में भाग लिया।
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ, नोएडा में फरवरी 2022 से जुलाई 2022 तक निदेशक के पद पर कार्यरत रहे।
