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मुलायम सिंह यादव की तीसरी पुण्यतिथि पर अखिलेश यादव समेत पूरा यादव कुनबा सैफई में था। सपा अध्यक्ष अखिलेश ने पार्टी संस्थापक और अपने पिता को पुष्पांजलि अर्पित की। मंच पर करीब 50 लोग बैठे थे। अखिलेश के बगल में राम गोपाल यादव और रामजी लाल सुमन दिखाई दिए। शिवपाल, सुमन के बगल में दिखाई दिए। वहीं, डिंपल, धर्मेंद्र के पास बैठीं।
मुलायम को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में सपा समर्थक भी सैफई पहुंचे थे। इस दौरान सपाई अलग ही अंदाज में नजर आए। एक समर्थक लखनऊ से साइकिल से पहुंचा। वो अखिलेश से मिलने के लिए मंच तक पहुंच गया। हालांकि, सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक लिया। इसके अलावा कुछ समर्थक टेंट पर चढ़ गए। नेताओं में अखिलेश के पैर छूने की होड़ मची रही।इस दौरान अखिलेश ने कहा- हम सभी नेताजी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। संविधान की रक्षा के लिए उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हैं। समाजवादी संविधान को 'संजीवनी' कहते हैं और हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए।उन्होंने कहा, 'सरकार संविधान को खत्म करने की साजिश कर रही है। वे तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, लेकिन हम उन सभी ताकतों को परास्त करेंगे, जो सामाजिक न्याय के इस तरीके को खत्म करने की साजिश कर रही हैं। हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे। हम, पीडीए, एक हैं। हम पीडीए के सम्मान और गरिमा के लिए लड़ेंगे।इससे पहले सपा सांसद राम गोपाल यादव ने मुलायम को याद करते हुए कहा कि जो लोग दिल्ली का रास्ता भी नहीं जानते थे, उन्हें सांसद बना दिया। जो लोग लखनऊ नहीं जानते थे, उन्हें विधायक बनाकर भेजा।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के इतिहास में कभी जनता पर इतना अत्याचार नहीं हुआ, जो आज हो रहा है। 2027 में हम मौजूदा सरकार को उखाड़ फेकेंगे। 2029 में दिल्ली की सरकार भी चली जाएगी।नेताजी का निधन 10 अक्टूबर 2022 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में हुआ था। पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम ने 55 साल तक राजनीति की। 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने। 5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने। बाद में वे दो बार और प्रदेश के CM रहे। उन्होंने केंद्र में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। नेताजी सात बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए।