लखनऊ: जाति आधारित कार्यवाही पर DPRO नपे।
चीफ एडिटर: एम.एस वर्मा, 6397329270
आदेश को तत्काल किया रद्द
मुख्यमंत्री ने इस आदेश को “पूर्णतः भेदभावपूर्ण और अस्वीकार्य” करार दिया और इसे तुरंत प्रभाव से रद्द करने का निर्देश दिया। साथ ही, इस मामले को गंभीर प्रशासनिक चूक मानते हुए संबंधित संयुक्त निदेशक एस.एन. सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया गया।
योगी का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा,
“अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष, तथ्य आधारित और कानून सम्मत होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर। इस तरह की मानसिकता न केवल शासन की नीतियों के खिलाफ है बल्कि समाज में विभाजन की भावना पैदा करती है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने सभी अधिकारियों को चेतावनी दी कि इस तरह की गलती की पुनरावृत्ति किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सरकार की प्राथमिकता – समरसता और सामाजिक न्याय
योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह समरसता, सामाजिक न्याय और सभी वर्गों के समान अधिकारों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीतियां किसी भी जाति, समुदाय या धर्म के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं हो सकतीं।
यह कदम साफ संकेत देता है कि राज्य सरकार प्रशासनिक कार्यवाही में भेदभावपूर्ण रवैया बर्दाश्त नहीं करेगी और कानून का पालन ही सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
