इटावा/जसवंतनगर: हर की पौड़ी से डाक कांवर में गंगाजल लेकर बटेश्वर पहुंचा लंकेश।

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मनोज कुमार, 7409103606

हर की पौड़ी से डाक कांवर में गंगाजल लेकर बटेश्वर पहुंचा लंकेश

समूचे देश में सावन के महीने में कांवर यात्रा बड़े ही जोरशोर व भारी उत्साह के साथ चल रही है। देश के हर एक शिवालय में भोले के भक्तों के बोल बम के जयकारे गूंज रहे हैं। ऐसे में जसवन्त नगर के कैस्त गांव से उमंग अग्निहोत्री के संयोजन में नगर के प्राचीन बिलैयामठ शिवालय में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करके आधा सैकड़ा से भी अधिक कांवड़ियों की टीम शुक्रवार की शाम हरिद्वार के लिए निकली। इन कांवरियों को हरिद्वार तक ले जाने के लिए एक कैंटर की व्यवस्था की गई थी जिसमें न सिर्फ कांवरियों को आराम से ले जाने की व्यवस्था की गई थी बल्कि साथ ही साथ कैंटर में ही डाक कांवर के साथ चलने के लिए 15 मोटरसाइकिलें भी ले जाने का इंतजाम था।

शनिवार को इन कांवड़ियों ने विश्राम किया एवं रविवार को उमंग अग्निहोत्री के संयोजन में पहुंची कांवड़ियों की टीम के व्यवस्थापक एवं नगर की रामलीला में लंकेश का किरदार निभाने वाले अंकित पाठक ने हर की पौड़ी से गंगाजल भरकर पूजा अर्चना के साथ डाक कांवर का श्रीगणेश किया इसके बाद हरिद्वार से बाइक और कांवड़ियों के साथ मेरठ, हापुड़, खुर्जा, अलीगढ़, हाथरस, आगरा के रास्ते भारतरत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर धाम पहुंचकर सोमवार की सुबह तड़के 4 बजे बाबा बटेश्वर नाथ महादेव के दरबार में डाक कांवर चढ़ाई। बताते चलें कि लगभग 500km से भी लंबे रास्ते को कांवड़ियों ने अनवरत दौड़ते हुए 35 घंटे में सिद्ध बटेश्वर धाम पहुंचकर पूरा किया।

    लंकेश की डाक कांवर यात्रा का पूरे रास्ते में जगह जगह फूल-मालाओं व भोले के जयकारों के साथ जोरदार स्वागत किया गया चूंकि प्रशासन द्वारा कांवड़ियों और डाक कांवड़ियों के लिए अलग से सुगम रास्ते की व्यवस्था की गई थी जिसके चलते कांवड़ियों को अपनी यात्रा में कहीं कोई परेशानी नहीं हुई।

लंकेश का अभिनय मेरा परम् सौभाग्य : अंकित पाठक

नगर की 160 साल से ज्यादा पुरानी एवं यूनेस्को की धरोहर में अपना स्थान बना चुकी जसवन्त नगर की ऐतिहासिक रामलीला में दशानन रावण का किरदार निभाने वाले अंकित पाठक बताते हैं कि उन्होंने रामलीला में 21 साल पहले रावण की सेना के रूप में अभिनय करना शुरू किया था और लगभग 13 साल से वे रावण का किरदार निभाते चले आ रहे हैं। इस किरदार को निभाना उन्हें बेहद अच्छा लगता है। ऐसा लगता है कि मानो शरीर मे एक अलग ही ऊर्जा का संचार हो गया हो। अब तो नगर के अधिकांश लोग भी उनका नाम लेने की बजाय उन्हें ‘लंकेश' कहकर बुलाने लगे हैं। प्रकांड विद्वान महाराज लंकेश का संबोधन उन्हें बेहद पसंद आता है

अंकित पाठक‘लंकेश', हिमांशु शर्मा, उमंग अग्निहोत्री, चमन गुप्ता, राहुल शर्मा, रवि शर्मा, सागर गुप्ता, अमन शर्मा, सत्यम शर्मा, सचिन राजपूत, राजवीर शाक्य, अभिषेक कुशवाह, अनुज यादव सहित 5 दर्जन से अधिक युवाओं ने इस डाक कांवर यात्रा में भाग लिया।